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फिर अगले दिन कालेज गए तो मोनी मुझे कालेज के गेट पर मिली तो बोली मुझे कालेज जाने का मन नहीं कर रहा है।
तो मैंने पुछा कहा जाने का मन कर रहा है तो मोनी हंसते हुए बोली घर पर तुम्हारे साथ।
तो मैंने कहा चलो फिर और दोनों जाने लगे और घर के अन्दर गए और दोनों रूम में चले गए फिर मोनी मेरे आंखों पर पट्टी बांध दी, और मुझे बेड पर लेटा कर मेरे कपड़े उतारने लगी।
और कपड़े उतार कर मेरे लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी
तभी मुझे लगा कि कोई और भी है और मेरे लंड को कोई और अपने हाथ से पकड़े हुए हैं क्योंकी मोनी की हाथ मुलायम थी।
तो अपने पट्टी को खोल कर देखें तो कोई नजर नहीं आया।
तो अपने पट्टी को बगल में रखते हुए मोनी से पुछे – कोई रूम में है क्या? क्या हो रहा है यहां मोनी?
फिर मोनी मेरे सीने पर लेटती हुई मुझे किस करने लगी और मेरे लंड को अपनी चूत पर रगड़ते हुए बोली – विक्रम, मुझे तुम्हें एक बात बतानी थी। मेरी सोभा दीदी भी तुम्हारे चुदना चाहती है।
फिर मैंने गुस्से में कहा – क्या बकवास है कर रही हो मोनी?
फिर मोनी मेरे होंठों पर किस करके बोली – सुनो तो विक्रम, सिर्फ एक बार तुम मुझे चोदते हो तो सोभा दीदी को पता चल गया है पर जीजू को नहीं बोली और मुझे बोली मज़े करो, सोभा दीदी भी तो मुझे तुमसे चुदने से नहीं रोकती और जीजू को नहीं बोलकर हम दोनों को साथ मजे करने को बोलती है।
तो मैंने कहा – मोनी तुम्हारी सोभा दीदी और जीजू साथ रहते हैं तो मुझसे क्यों चुदना है।
फिर मोनी बोली – तुम मेरी सोभा दीदी से ही पूछ लेना।
मैंने कहा – ठीक है, बुला लेना कभी दीदी को!
फिर मोनी बोली – सोभा दीदी, बाहर आ जाओ।
तो मैंने देखा कि मोनी की बड़ी बहन सोभा दीदी अचानक बाथरूम से बाहर निकली।
तो सोभा दीदी को देख कर मुझे शर्म आने लगी क्योंकि नंगें थे, फिर जल्दी से मोनी को दूर हटा कर अपने शरीर को वहीं पड़ी बेडशीट से ढक लिए।
तब सोभा दीदी मेरे पास आईं और मेरे सर को अपने गोद में रखते हुए मेरे सर के बाल को सहलाने लगी।
और सोभा दीदी बोली – अरे विक्रम, मुझ से क्यों शर्मा रहे हो? और विक्रम तुम से चुदना मेरी मजबूरी है, तीन साल हो गए मेरी शादी को, लेकिन मैं मां नहीं बन सकी हूँ।
मुझे तुमसे एक बच्चा चाहिए।
इतना बोलकर सोभा दीदी रोने लगीं और अपनी आंसू को मेरे सर पर गिराने लगी।
तो मोनी भी अपनी दीदी को रोता देख रोने लगी।
फिर उठे कर बैठे और पुछे – क्या हुआ है, आपने डॉक्टर को दिखाया क्या?
फिर सोभा दीदी बोली – मेरे पति डॉक्टर को तो नहीं दिखाए, लेकिन दिन रात मुझे ताना सुनाते हैं।
और विक्रम मैं सिर्फ एक बार तुम्हारे साथ ट्राई करके देखना चाहती हूँ, अगर मैं मां बन गई तो ठीक, नहीं तो डॉक्टर के पास जाऊंगी।
फिर मैंने पुछा सोभा दीदी – मैं ही क्यों, आपको तो कोई भी मिल जाएगा ट्राई करने के लिए?
फिर सोभा बोली – मोनी को तुम जैसा ही भांजा चाहिए। मोनी तुम्हें बहुत प्यार करती है।
तो मोनी को गुस्से से देखते हुए बोले – लेकिन ये गलत है?
फिर मोनी मेरे से चिपकती हुई बोली – विक्रम मान भी जाओ ना प्लीज़।
मोनी अभी भी नंगी थी, फिर बोली – देखो हम दोनों की शादी तो होगी नहीं, तो मैं अपने भांजे में तुम्हें याद कर लिया करूंगी।
तो मैंने कहा – अगर भांजी हुई तो मोनी?
फिर मोनी मुस्कराते हुए बोली – तो एक बार और ट्राई कर लेना।
फिर सोभा दीदी भी बोलने लगी – प्लीज मान जाओ ना!
फिर लास्ट में मैंने कहा – ओके।
मेरे मुँह से इतना सुनते ही दोनों मुझे किस करने लगीं और अपने गले लगने लगीं।
फिर उठे और पहली सोभा दीदी को गौर से देखने लगे।
उनका फिगर 34-30-36 का था, सोभा दीदी बवाल लग रही थीं।
सोभा दीदी ने लाल साड़ी पहन रखी थी।
फिर सोभा दीदी भी खड़ी हो गईं और मेरे सीने से लग गईं
तो मैंने सोभा दीदी को अपनी बांहों में भर लिए।
फिर मोनी मुझे पीछे से अपनी बांहों में भर ली। दोनों बहनों के बिच में थे
फिर कुछ देर बाद सोभा दीदी को अपने से दूर किए और आंखों में देखते हुए सोभा दीदी की शाडी को उतारने लगे।
कमाल कि चूची थी सोभा दीदी की! फिर मैंने मन में ही सोचें आज मेरा चूची चोदने का सपना पूरा होने वाला है।
फिर सोभा दीदी की साड़ी को उतार कर सोभा दीदी को किस करने लगे और अपने हाथ को पीछे लेजाकर पीठ को सहलाने लगे।
फिर मोनी अपनी सोभा दीदी के पेटीकोट की डोरी खींच कर खोल दी और अपनी दीदी के हाथ को पकड़ कर मेरे लंड पर रख दी।
जब सोभा दीदी की हाथ मेरे लंड थी तो हाथ कांप रहा था।
फिर मैंने सोभा दीदी को बेड पर लेटा कर ब्लाउज के बटन खोल कर ब्रा को निकाल दिए।
तो सोभा दीदी उस समय सिर्फ पैंटी में थीं तो सोभा दीदी शर्म से अपनी आंखें बंद कर लीं।
फिर मैंने सोभा दीदी की आंखों को चूमे, माथे, गाल, होंठ, गर्दन, कंधे को चूमते हुए सोभा दीदी की चूची पर जीभ को रख दिया।
सोभा दीदी की चूची कुछ ज्यादा ही बड़े थे और एकदम सफेद, बीच में डार्क निपल्स, थे जब सोभा दीदी की एक निप्पल को अपने जीभ से चाटने तो सोभा दीदी सिहर गईं।
फिर कुछ देर बाद सोभा दीदी की चूचियों को जोर जोर से चूसने चाटने लगे, कभी बाएं वाले को तो कभी दाएं वाले को।
फिर कुछ देर बाद मोनी मेरे पास आई और सोभा दीदी की एक चूची अपने मुँह में लेकर चूसने लगे।
उस समय सोभा दीदी की दोनों चूचियों को हम दोनों किसी बच्चों की तरह चूस रहे थे।
तो सोभा दीदी आह आह आह कि आवाज निकालतें हुए हम दोनों के बालों में हाथ फेरने लगी।
फिर मैं सोभा दीदी की चूची को छोड़ कर पेट को चूसते हुए पैंटी के ऊपर से सोभा दीदी की चूत पर अपने जीभ को घुमाने लगे।
तो सोभा दीदी सिहर गईं
फिर मैंने सोभा दीदी की पैंटी को उतार कर तो मोनी भी चूची को छोड़ कर मेरे लंड को चूसने के लिए नीचे आ गई और मेरा लंड चूसने लगी।
तो मैं भी सोभा दीदी की चूत चाटने लगे तो सोभा दीदी मेरे सर को अपने चूत पर जोर से दबाती हुई झड़ गईं और हांफने लगीं।
फिर सोभा दीदी की चूत को छोड़कर ऊपर आ गया और किस करने लगे।
और साथ में सोभा दीदी की चूचे चूसते हुए चूत को गीला कर दिए और अपने लंड को सोभा दीदी की दोनों चूचियों के बूब्स बीच रख कर सोभा दीदी की चुचियों को चोदने लगे।
तो सोभा दीदी आह आह आह करने लगीं।
फिर मोनी बोली – विक्रम मेरे साथ ऐसे तुम कभी नहीं किया है!
तो सोभा दीदी आह आह करते हुए बोली मोनी अभी तुम्हारी चूची छोटी हैं तो नहीं हो सकता था। और बोलकर मुस्कराते हुए आह आह करने लगी।
तो मोनी मुझे देखने लगी।
तो मोनी को अपने गोद में बिठा कर मोनी की एक चूची को मुँह में लेकर चूसने लगे।
फिर कुछ देर बाद सोभा दीदी मुझे बेंड पर धक्का देकर गिरा दी और मेरे ऊपर लेट गईं और मेरा लंड को अपनी चूत में डालने कि कोशिश करने लगी, लेकिन सोभा दीदी मेरे लंड को अपनी चूत में डाल नहीं पाइ।
तो मैंने सोभा दीदी को पलटते हुए बेंड पर नीचे कर दिए और अपने लंड को सोभा दीदी की चूत पर रगड़ने लगे।
और कुछ देर सोभा दीदी को झटपटाने के बाद पुछे – डाल दूं क्या?
फिर सोभा दीदी बोली – हां डाल दे, और मेरी चूत को फ़ाड़ दे।
सोभा दीदी के इतना बोलते ही एक झटका मारे और अपने लंड के सुपारे को घुसा दिए।
तो सोभा दीदी ज़ोर से चीखने लगी।
फिर मोनी जल्दी सोभा दीदी के होंठो को अपने होंठों से बंद कर दी।
फिर कुछ देर रूक कर चूची चूसने लगे तो सोभा दीदी कुछ नॉर्मल हुईं तो धीरे धीरे करके अपने पूरे लंड को सोभा दीदी की चूत में डाल दिए, और हल्के हल्के धक्के लगाने लगे।
तो सोभा दीदी धीरे धीरे आह आह अह माई गॉड बोलने लगीं।
फिर कुछ देर बाद मैं सोभा दीदी के ऊपर मिशनरी पोजीशन में आ गया और होंठों को चूसने लगे और धीरे धीरे धक्के मार कर लंड को चूत में डालने लगे।
कुछ देर बाद सोभा दीदी मेरी पीठ को पकड़ ली और अपनी जांघों को मेरे कमर पर लपेट कर बोली विक्रम अब जोर जोर से चोदो कहने लगीं।
तो अपने स्पीड को बढ़ा कर जोर से चोदने लगे।
तो करीब 15 मिनट में सोभा दीदी झड़ गईं तो अपने लंड को सोभा दीदी की चूत से निकालने लगे ।
फिर सोभा दीदी मुझे अपनी पैरों में लपेटे हुए लंड को चूत से निकाले से मना कर दी।
फिर ऐसे ही सोभा दीदी के ऊपर लंड को चूत में छोड़ कर दीदी के ऊपर लेटे रहे।
तो मैंने अपने सर को घुमा कर देखें तो मोनी बड़ी बड़ी आंखों से हम दोनों को देख रही थी।
इतनी दमदार चुदाई मोनी पहली बार देखी थी।
क्योंकि मैंने जब मोनी को चोदे थे, प्यार से धीरे धीरे ही चोदे थे एक लड़की समझ कर पर सोभा दीदी को एक औरत की तरह चोद रहे थे।
तभी सोभा दीदी बोली – ओह यार मजा आ गया, कितने दिन बाद ऐसे चुदी हूं। विक्रम फिर चोदो अभी मोनी को मौसी बनाने वाला काम बाकी है।
फिर सोभा दीदी को फिर से चोदने लगे इस बार अपने पूरे लंड को निकाल कर चूत में डालने लगे।
तो सोभा दीदी आह आह आह करके आवाज निकाले जा रही थी।
करीब 30 मिनट सोभा दीदी को चोदने के बाद दोनों एक साथ झड़ लगे। तो मोनी हम दोनों को झड़ते हुए देख रही थी तो मैंने मोनी को भी अपने साथ गले लगा लिए।
फिर 2 मिनट बाद अपने लंड को सोभा दीदी की चूत से निकाले और बेड पर पीठ के बल लेट गए।
तो मेरे दोनों तरफ मोनी और सोभा दीदी लेट गईं।
फिर कुछ देर शांत रहने के बाद सोभा दीदी मेरे सीने पर हाथ फेरती हुई बोलीं – चूत में गर्म माल जाने से कितना मजा आता है न! और विक्रम तुम्हें कैसा लगा मेरी चूत में झड़ कर?
तो मैंने कहा – बहुत अच्छा लगा सोभा दीदी।
फिर मोनी मेरे तरफ देखते हुए बोली – विक्रम तुम कभी मेरी चूत में तो नहीं झड़ते, हमेशा बाहर निकाल लेते हो और तुमने ना ही कभी मेरी ऐसी जबरदस्त चुदाई की है!
फिर मैं हंसते हुए मोनी को अपने सीने से सटा लिए और बोले – अगर मैं तुम्हारे चूत में झड़ते , तो तुम्हारी जगह सोभा दीदी मौसी बन जातीं।
तो मोनी शर्माते हुए मेरे सीने में छुपने लगी।
फिर मैंने मोनी को चोदने लगे, काफी देर बाद जब झड़ने वाले थे तो मैंने अपने लंड को मोनी की चूत से निकालना चाहे
पर मोनी अपने पैर को मेरे कमर पर लपेट ली थी सोभा दीदी जैसे।
फिर मैंने पुछा मोनी – ये तुम क्या कर रही है, मुझे निकलने दो।
तो मोनी मुस्कराते हुए बोली – विक्रम, मेरे अन्दर ही निकाले ना प्लीज़… सिर्फ एक बार!
तो मैंने कहा – नहीं, अभी तुम्हारी दीदी को इसकी जरूरत है।
फिर मैंने जबरदस्ती अपने लंड को मोनी की चूत से निकाल लिए तो मोनी मेरे से रूठ गई।
तो मैंने कहा मोनी मेरी बात सुनो जब तुम्हारी पीरियड्स खत्म होते हैं, उसके अगले 3 दिन तक मैं तुम्हारी चूत के अन्दर ही निकलूंगा।
फिर मेरी बात सुन कर मोनी खुश हो गई। फिर अपने लंड को सीधा सोभा दीदी की चूत में डाल दिए।
जब अचानक से लंड चूत में डाले तो सोभा दीदी जाने से जोर से चीखने लगी।
फिर कुछ देर सोभा दीदी को चोदे और सोभा दीदी की चूत में ही झड़ गए।
फिर थके होने के कारण हम तीनों सो गए।
और जब नींद खुली तो 2 बजे का समय हो गया था।
सोभा दीदी पहले ही उठकर खाना बना रही थीं तो बेंड से उठे और किचन में गए और सोभा दीदी को पीछे से पकड़ लिए और गाउन के ऊपर से सोभा दीदी की चूचियों को मसलते हुए गर्दन पर चूमने लगे।
फिर सोभा दीदी बोली – क्या बात है, कुछ देर पहले तो कह रहे थे कि मैं तुम्हारी बहन जैसी हूं. अपनी बहन के कोई चूचे मसलता है?
तो मैंने कहा – आप हो ही इतनी प्यारी दीदी!
फिर सोभा दीदी बोली – चलो, अब ज्यादा तारीफ मत करो और मोनी को उठा कर नहा लो।
फिर मैने कहा – सोभा दीदी एक बात बताऊ, आपको पता है कि मोनी और मैं पिछले कितने दिन घर पर आकर मोनी को चोद रहे हैं?
तो सोभा दीदी बोली – हाँ, मुझे पता है।
फिर मैंने पूछा – जब मोनी के साथ घर पर आते थे तो आप भी उस वक्त रूम में ही थी?
तो सोभा दीदी अपने चेहरे को मेरे सीने में छिपाती हुई शर्माईं और बोलीं – हां, मैं तब सामने वाली आलमारी के पिछे छिपी हुई रहती थी।
फिर मैंने पुछा – पहले दिन मेरे जाने के बाद क्या मोनी को ज्यादा दर्द हुआ था?
तो सोभा दीदी बोली – नहीं, तुमने काफी प्यार से चोदा मेरी छोटी बहन को और तुमने जो एक बार उसकी चूत पर गर्म गर्म पेशाब किए थे चूत में ज्यादा दर्द नहीं था और अपने पति के आने से पहले गर्म पानी से मैंने भी मोनी की चूत की सिकाई की थी।
फिर रूम में गए तो मोनी को जगाए और मोनी को गोद में लेकर बाथरूम में चले गए।
फिर बाहर आए और गैस बंद करके सोभा दीदी को भी बाथरूम में ले जाने लगे तो सोभा दीदी मना करने लगीं।
तो सोभा दीदी को भी गोद में उठाए और बाथरूम में ले जाकर खड़ा कर दिए।
और मैंने शॉवर ऑन कर दिए तो सोभा दीदी की गाउन पूरी भीग गई तो और ज्यादा सेक्सी लगने लगी।
फिर हम दोनों ने सोभा दीदी की गाउन को निकाल कर दोनों एक एक चूची को मुंह में लेकर चूसने लगे।
जब हम दोनों सोभा दीदी की एक एक चूची को चूस रहे थे तो अपने एक हाथ नीचे लेकर गए और सोभा दीदी की चूत को सहलाने लगे। जब सोभा दीदी गर्म हो गई और आह आह कि आवाज निकलने लगी तो सोभा दीदी की टांग को उठा कर बाथरूम में चोदने लगे करीब 15 मिनट में सोभा दीदी झड़ गईं।
फिर सोभा दीदी को टाइलेट कि सिट पर बैठा दिए और मोनी को गोद में उठा कर चूत में लंड डाल कर चोदने लगे।
करीब 20 मिनट चोदने के बाद मोनी भी झड़ गई।
तो मोनी को बाथरूम के फस पर ही लेटा दिए और सोभा दीदी के सामने गए तो सोभा दीदी मेरे लंड को अपने दोनों चूचियों के बिच रख कर दोनों तरफ से अपनी चुचियों को दबा दी अपने चुचियों को ऊपर नीचे करके मेरे लंड से अपनी चुचियों को चुदवाने लगीं। और चूचियों को चोदते हुए सोभा दीदी की चूचों पर ही झड़ गए।
फिर हम तीनों नहा कर बाहर आ गए.
हमने खाना खाया और एक बार सोभा दीदी के चूचियों को चूसने लगे और चूत को चोदते हुए सोभा दीदी की चूत में झड़ गए।
फिर दोनों बहनों को छोड़ कर अपने रूम पर आ गए और सो गया।
अगले 6 दिन कालेज के पास जाते और सीधा मोनी के घर पर जाकर सोभा दीदी और मोनी दोनों को चोदते रहे जब 7 वें दिन गए तो मोनी की पीरियड्स आए गई थी। तो केवल सोभा दीदी चोदने लगे तो मोनी भी जिद करने लगी कि मुझे भी चोदो।
फिर मैंने मोनी को समझाए कि पीरियड्स में सेक्स नहीं करना चाहिए।
लेकिन मोनी अपनी दीदी को चुदते हुए देख कर मान नहीं रही थी तो फिर सोभा दीदी को एक बार ही चोद कर अपने रूम पर चले आए।
अगले दिन कालेज चले गए मोनी के घर पर नही गए।
तो मोनी फोन करके पुछी कहा हो आए नहीं आज – तो मैंने कहा तुम मुझे परेशान नहीं करो। और फ़ोन रख दिए।
फिर अगले दिन कालेज पहुंचने ही वाले थे की मोनी का फोन आया तो बोलने लगी – विक्रम आज आ जाओ, मैं परेशान नहीं करूंगी… पक्का वादा।
फिर कुछ देर बाद मोनी के घर पहुंच गए।
और सोभा दीदी को चोदने लगे और मोनी किस करने लगे।
करीब 30 मिनट सोभा दीदी को चोदने के बाद देर बाद दीदी की चूत में झड़ गए।
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